Saturday, 12 April 2014

नदियों का पानी बोतल में, गंगा जल बिकता होटल में

                 

नदियों का पानी बोतल में, गंगा जल बिकता होटल में
पानी पर सबका अधिकार, बंद करो इसका व्यापार।

हरा नीम और पीली हल्दी, बासमती और हाफुस आम
धीरे-2 बिक जाएँगे जंगल झरने चारों धाम।

अपना गौरव अपनी भाषा, एक वर्ष में बारह मासा
हिन्दी की खाता है लेकिन अँग्रेजी मे करे तमासा
ये तो बस अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है...

अपने रीति रिवाजों पर जिसको कोई अभिमान नहीं
जहां गायें कटती लाखों मे, वो मेरा हिंदुस्तान नहीं।

उत्सव को बाजार बनाया, रिश्तों को व्यापार बनाया
दौलत के भूखे-प्यासों ने, बच्चों को औज़ार बनाया।

सिंहासन पर कातिल बैठा, जो हक मांगे उसको लाठी
क्रान्ति हो रही कम्प्युटर पर, किसे याद अब हल्दी घाटी
ये तो बस अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है

--
यदि आपके पास Hindi में कोई article, inspirational story या जानकारी है
जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ
E-mail करें. हमारी Id है:sanjaykumarakela.akela@gmail.com.पसंद आने पर हम उसे
आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे.

http://akelasakar.blogspot.in/

No comments:

Post a Comment