Saturday, 12 April 2014

दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ मन में कुछ करने की ठान लिया जाए तो

               
दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ मन में कुछ करने की ठान लिया जाए और जज्बा व 
जुनून के साथ अनरवरत लक्ष्य की ओर पहुंचने के लिए प्रयासरत रहा जाए तो 
असंभव सा दिखने वाला लक्ष्य भी संभव हो जाता है। इसी तर्ज पर जब प्रकाश
उपाध्याय ने दुनिया की सबसे छोटी किताब लिखने की ठानी तो उसे पूरा करके
दिखाया। अब वह अपने इस कारनामे को गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकार्ड में दर्ज
करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

प्रकाश का दावा है कि अब तक विश्व में इतनी छोटी साइज की पुस्तक किसी ने
नहीं लिखी है। इसका साइज चार गुणा चार एमएम और मोटाई 8 एमएम है। 192
पृष्ठ की इस पुस्तक में 192 देशों के नाम उनके राष्ट्र ध्वज के साथ है।
राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में पैथोलॉजी विभाग में आर्टिस्ट पद पर
कार्यरत प्रकाश ने इस छोटी सी किताब को वाटर कलर व एक्रेलिक पेंट से लिखा
है। कई दिनों की कड़ी मेहनत से यह पुस्तक तैयार की गई है। इसकी बाइंडिंग
व कटिंग भी स्वयं लेखक ने की है। उल्लेखनीय है कि अभी तक का जो रिकार्ड
है, वह उत्तर प्रदेश के तरुण कुमार के नाम है। उनकी पुस्तक 5 गुणा 8 एमएम
साइज की है, जिसमें हनुमान चालीसा लिखी गई है। 31 दिसंबर 2012 को गिनीज
बुक में इसे दर्ज किया गया था। प्रकाश का दावा है कि अब उनकी किताब
दुनिया की सबसे छोटी किताब के रूप में दर्ज जरूर होगी। उन्हें अपने कार्य
पर पूरा भरोसा है। प्रकाश ऑयल पेटिंग व वाटर पेटिंग बनाते हैं।

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