Friday, 22 February 2019

Follow your Passion wali job

क्या वाकई में UPTU से इंजीनियरिंग करके Follow your Passion वाली नौकरी मिल सकती है।
"मैं कंप्यूटर साइंस का छात्र हू लेकिन मुझे coding में कोई interest नहीं है, क्या मै कुछ और कर सकता हू जैसे journalism या फोटोग्राफी। "
"UPTU में नौकरी तो लगती नहीं है, उसपे तुम्हे मनचाही नौकरी चाहिए, औकात में सोचो"
"GATE या CAT ही रास्ता है, और कोई चारा नहीं है, Core ब्रांच में तो कोई स्कोप ही नहीं है और Bank PO वाली अपनी Apti नहीं है"
"Final ईयर में आ गए और पता ही नहीं है की अपना passion किधर है"
लम्बी सांस लो, तीन बार, एक गिलास पानी पियो, खिड़की से बाहर देखो, हवा को महसूस करो और भरोसा रखो, भगवान से ज्यादा खुद पे क्यूंकि तुम पहले नहीं हो ये महसूस करने वाले और न आखिरी होगे, पीछे पलट के देखो, कितना रस्ता चल आये हो, कहाँ थे और यहाँ तक कैसे आये, सोच के देखो, सब कुछ unplanned ही था ना, फिर planning किस बात की कर रहे हो। जब कोई प्लान कभी नहीं चला तो आगे भी mostly नहीं चलेगा। प्लानिंग destination की करनी ही नहीं है, planning करनी है journey की, मंजिल जो भी हो, journey में struggle पक्का है, planning struggle की करनी है, प्लानिंग उन skill sets की करनी है जो journey में तुम्हे टूटने से बचाएंगे, यकीन मानो इंजीनियरिंग का पढ़ा कुछ काम नहीं आना है लेकिन इंजीनियरिंग में सीखी प्रेशर handling capability , team work , leadership, तुम्हारी नयी चीज़ जल्दी सीखने की quality , mail लिखना, Excel में चार्ट बनाने की छमता, अंग्रेजी भाषा में command, इंजीनियर की तरह problem solving attitude,चमचागिरी और गलत चीज़ें देखकर ethical होने की छमता ये सब काम आएगा।
जब इंजीनियरिंग में होंगे तो सोचोगे की बस कहीं नौकरी लग जाए, बाद में समझोगे की मनचाही नौकरी कितनी ज़रूरी है। नौकरी और मनचाही नौकरी में शायद तीन चार साल निकल गए होंगे, शायद तब भी नहीं समझा होगा की तुम किस चीज़ में वाकई passionate हो लेकिन ये समझ गए होंगे की किस्मे एकदम ही नहीं हो। ये पहला कदम होगा सही दिशा में। धक्के बहुत मिलेंगे, NIT और IIT वालों के सामने बेइज़्ज़ती भी होगी जब उन्हें precedence दी जाएगी, फिर आदत पड़ जाएगी और पता नहीं चलेगा की कब फ़र्क़ पड़ना बंद हो जाएगा। फिर एक दिन NIT और IIT वाले तुम्हे रिपोर्ट करेंगे और फिर भी तुम्हे फ़र्क़ नहीं पड़ेगा क्यूंकि एक लेवल के बाद emotion भी emotionless हो जाते हैं। ये वो समय होगा जब पैकेज के लिए काम नहीं करोगे, कुछ और मिलना चाहिए, ऐसी सोच होगी, भले दो पैसे कम मिले। मन करेगा सब कुछ छोड़ के अपने गाँव में गरीब बच्चों को पढ़ाऊँ, अपनी ज़रूरतें तो ज्यादा कभी थी ही नहीं, रह लेंगे लेकिन वो होम लोन और कार लोन वापिस जाने नहीं देंगे ।
ऑफिस में अपनी डेस्क से बाहर देखते हुए उस कबूतर को देखोगे जो हमेशा तुम्हारी खिड़की में ही बैठता है और सुट्टा मारते हुए सोचोगे की इसके पास पंख है, ये उड़ के कहीं भी जा सकता है लेकिन जाता क्यों नहीं और फिर सिगरेट बुझाते हुए मुस्कुराते हुए सोचोगे की ये बात तो तुमपे भी लागू होती है और वापिस सीट पे आके अपना कोड लिखने बैठोगे, लग जाओगे appraisal, deadline, onsite, जॉब switch की इस rat race में, एक दिन अपने कॉलेज के alumni group से मेल आएगा की कॉलेज में बुलाया है, Guest Lecture में बच्चों को मोटीवेट करने और वहां जा के तुम भी उन्हें 'Follow your Passion ' बोल के आओगे और उस दिन खूब हंसोगे और इतना हँसोगे की रोने लगोगे अपने इंजीनियरिंग के दोस्त से बात करते करते।
रणबीर कपूर की फिल्मे देखते हुए सोचोगे की follow your पैशन शायद एक myth है लेकिन तुम्हारे क्लास का एक लड़का जो पढ़ने में ठीक ठाक था आज एक बड़े ऑनलाइन न्यूज़ वेबसाइट में क्रिकेट और फिल्म review करता है उसको देख के एक बार को ख्याल आएगा की शायद वो सब myth नहीं था बस एक कदम उठाना था जिसकी शायद हिम्मत नहीं जुटा पाया मै।
तब समझोगे की UPTU का उस Passion वालीं नौकरी से तो कोई लेना देना कभी था ही नहीं , उसका लेना देना सिर्फ तुमसे है।

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