Friends, क्या होता है जब आप smoothly अपनी गाड़ी चला रहे होते हैं और अचानक ही एक speed breaker आपके सामने आ जाता है ?
तब आप क्या करते हैं ?
क्या आप अपनी गाडी वहीँ रोक देते हैं और आगे बढ़ना छोड़ देते हैं ?
नहीं ! आप तो बस गाडी थोड़ी धीमी कर लेते हैं और breaker बीत जाने के बाद धीरे -धीरे अपनी speed बढ़ाने लगते हैं . Isn’t it ?
गाड़ी के मामले में हम सब यही करते हैं , पर जब अपने goals achieve करने की बात आती है , life में successful बनने की बात आती है तब लोग काफी differently behave करते हैं .
बहुत से लोग अपने लक्ष्य के मार्ग में आने वाले obstacles को स्पीड ब्रेकर्स के रूप में ना देख एक ऐसा dead end समझ लेते हैं , जहाँ से आगे नहीं बढ़ा जा सकता ;
और फिर वे अपने सारे efforts छोड़ देते हैं !
पर roads पर आने वाले speed breakers और life में आने वाले obstacles में कई similarities हैं ,और ये समानताएं हमें सीखाती हैं कि जैसे ब्रेकर आने पर हम रोड पर नहीं रुकते वैसे ही लाइफ में प्रोब्लेम्स आने पर भी हमे रुकना नहीं चाहिए। आइये इनपे थोड़ा गौर करते हैं :
दोनों आने ही आने हैं :
ना हम बिना speed breakers के रोड पर चल सकते हैं और ना ही बिना ऑब्स्टैकल्स के life जी जा सकती है … ऐसा एक भी सफल इंसान नहीं मिलेगा जो आपको ये कहे कि वो बिना बाधाओं के ही सफल हो गया . इसलिए इस बात के लिए mentally prepared रहने में ही समझदारी है की goals achieve करने के efforts में रुकावटों का सामना करना ही पड़ता है .
दोनों ही important हैं :
अगर speed breakers न हों तो uncontrolled speed की वजह से बहुत से accidents हो सकते हैं ; उसी तरह life में आने वाली obstacles हमें गहराई से सोचने और समस्याओं का समाधान ढूंढने में expert बनाती हैं .
किसी ने कहा भी है कि किसी की सफलता इससे नहीं आंकी जानी चाहिए कि उसने लाइफ में क्या पोजीशन हासिल की बल्कि इससे आंकी जानी चाहिए की उसने इसे हासिल करने में कितनी बाधाएं पार की।
दोनों temporary हैं :
कोई रोड ऐसी नहीं होती कि जिसपे सिर्फ speed breakers ही हों , और न ही success का कोई रास्ता ऐसा होता है जिस पर सिर्फ बाधायें ही बाधाएं हों … ब्रेकर्स और बाधाएं दोनों ही temporary होते हैं , आते हैं , कुछ देर के लिए हमें प्रभावित करते हैं और फिर चले जाते हैं। पर अगर कोई इन्हे temporary ना मान कर permanent समझ ले तो वो success से दूर ही रह जाता है .
दोनों से निपटने के लिए आप कुछ अलग करते हैं :
पहले आप smoothly अपनी गाड़ी चला रहे होते हैं पर जब speed breaker आता है तो आप गाडी का acceleration कम करते हैं और break लगाते हैं …. ठीक इसी तरह जब life में obstacles आते हैं तो इनसे निपटने के लिए आपको कुछ अलग करना होता है , ज़रा सोचिये अगर driver breaker आने पर भी वही करता रहे जो वो कर रहा था तो क्या होगा …. उसे झटका लगेगा , और अगर speed अधिक है तो accident भी हो सकता है . Life में आने वाली problems से deal करने के लिए हमें कुछ अलग करना होता है . Obstacles हमारे normal course से एक deviation है और उससे निकलने के लिए हमे अपने approach …अपनी technique में भी changes लाने पड़ते हैं।
ज़रूरी नहीं कि वो दिखाई दें :
कई बार speed breaker का पता तब लगता है जब हम उसपर से गुजर चुके होते हैं , उसी तरह कई बार problems तभी समझ में आती हैं जब वे हमें नुक्सान पहुंचा चुकी होती हैं . ऐसे cases में हम बीते हुए को नहीं बदल सकते पर definitely हम आगे के लिए सावधान हो सकते हैं .
दोनों के कई forms होते हैं :
जैसे सारे स्पीड ब्रेकर्स एक जैसे नहीं होते , कोई कम bumpy होता हैतो कोई ज्यादा , उसी तरह लाइफ में आने वाली प्रोब्लेम्स भी अलग-अलग तरह की होती हैं। कुछ आसानी से solve हो जाती हैं तो कुछ बहुत समय लेती हैं। पर ये निश्चित है की अगर हम एफ्फोर्ट्स डालते रहें तो आज नहीं तो कल उनका solution मिल ही जाता है।
दोनों ही experience के बाद आसान बन जाते हैं :
जब आप एक ही रास्ते से बार -बार जाते हैं तो subconsciously उस रास्ते का map आपके mind में तैयार हो जाता है , आप ब्रेकर आने से पहले ही जान जाते हैं की वो आने वाला है और accordingly अपनी speed adjust कर लेते हैं . Life में भी जब आप किसी obstacle से पार पा लेते हैं तो आपके mind में उससे या उस जैसी problems से निपटने का blue print तैयार हो जाता है और next time वैसी ही समस्या आने पर आप आसानी से उसे solve कर लेते हैं .
Friends, आपने अपनी life के लिए जो भी goals set किये हैं उन्हें जी -जान से pursue कीजिये और इस बात के लिए तैयार रहिये कि उनके पूरा होने में तमाम बाधाएं आएँगी पर वे सभी road पे आने वाले speed breakers की तरह ही होंगी जो एक बार को आपकी speed कम तो कर सकती हैं पर आपको अपना सपना पूरा करने से रोक नहीं सकतीं.
All the best ! :)
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